पेट की चर्बी आपके लुक तो बिगाड़ती ही है साथ ही यह कई बीमारियों को भी न्योता देती है। आज के दौर में ज्यादातर लोगों की समस्या है पेट पर जमा फैट। इसका मुख्य कारण है कि लोग आराम तलब हो गए हैं जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो रही है। चर्बी सबसे पहले पेट और कमर के हिस्से में जमा होना शुरू होती है। इसलिए ज्यादातर लोग मोटे नहीं होते मगर उनकी तोंद निकली होती है। ये तोंद दरअसल हड्डी और मांस नहीं, बल्कि चर्बी है, जो धीरे-धीरे जमा होती जाती है। इस तरह जमा होने वाली चर्बी का मुख्य कारण गलत खानपान, गलत जीवनशैली और कुछ सामान्य गलतियां हैं। पेट पर थोड़ी-बहुत चर्बी होने को सामान्य माना जाता है। वहीं, अगर यह चर्बी ज़रूर से ज़्यादा होती है, तो कई बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करने और अस्त-व्यस्त दिनचर्या का हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है लेकिन इसका सबसे अधिक असर हमारे पेट पर दिखाई देता है. आप अपने आस-पास ऐसे कई लोगों को देखते होंगे, जिनके पेट ने बेडौल आकार ले लिया है
अजवाइन
अगर आपने वाकई ये फैसला कर लिया है कि आपको हर हाल में अपना या अपने जानने वाले की पेट की चर्बी कम करनी है तो अपनी डाइट में अजवाइन की पत्तियों को शामिल कर लीजिए. अजवाइन की पत्ती के सेवन से पेट की चर्बी कम होती है. बेहद कम कैलोरी, फाइबर युक्त, कैल्शियम और विटामिन सी का प्रमुख माध्यम होने की वजह से ये बेली फैट कम करने में एक असरकारक चीज है. खाने के पहले अजवाइन का पानी पीने से पाचन तंत्र सही रहता है.
ग्रीन टी पिये
नींबू का रस
पेट की चर्बी कम करने की यह जंग आपको सुबह-सवेरे ही आरंभ करनी होगी। सुबह खाली पेट एक ग्लास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिएं। इसमें शहद मिलाकर पीने से फायदा अधिक मिलेगा। इससे मेटाबॉलिजम तेज होता है और फैट्स जल्दी बर्न होते हैं।
कमज़ोर पाचन तंत्र
उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारा पाचन तंत्र भी कमज़ोर होने लगता है। यह भी पेट की चर्बी बढ़ने का कारण होता है। आमतौर पर देखा गया है कि इस मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इसकी ज़्यादा शिकार होती है। पाचन तंत्र खराब होने से थायराइड व शुगर जैसी समस्याएं भी शरीर को घेर लेती हैं
ज्यादा खाना
पैदल चलना
वेट ट्रेनिंग
अगर आपके पास जिम जाने का समय है, तो वहां वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। वहां भार उठाने वाले व्यायाम करने से न सिर्फ आपके शरीर को आकर्षक शेप मिलेगी, बल्कि आपकी पाचन क्रिया भी मज़बूत होगी। ध्यान रहे कि जिम में वेट ट्रेनिंग सिर्फ पेशेवर ट्रेनर की देखरेख में ही करें।
कपालभाती
कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है। ध्यान रखें कि सांस लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है। कपालभाती प्राणायाम करते समय मूल आधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुंडलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है। कपालभाती प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि हमारे शरीर के सारे नकारात्मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं
साइकिल चलना
नियमित रूप से साइकिल चलाकर आप कुछ ही दिनों में वजन कम कर सकते हैं. ये शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मददगार है. रोजाना साइकिल चलाकर आप फिट और एक्टिव बॉडी पा सकते हैं.
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